Monday, September 3, 2012

किशन कारीगर - आब मानि जाउ ने (हास्य रेडियो नाटक)


 परिचय पात:-
 राजेश- नायक।
कमला- नायिका-राजेशक पत्नी उर्फ पाहीवाली।
मनोहर- राजेशक लंगोटिया दोस्त।
विमला- मनोहरक पत्नी उर्फ ठाढ़ीवाली।
नीलू- विमलाक सहेली।
सोनी- नीलूक सहेली।
मदन- दोस्त। 
       
प्रथम दृश्य                        
               ध्वनि संगीत
कमलाः- (कनेक तमसाएल भावमे) मारे मुह धऽ, आब बाट तकैत-तकैत मोन अकछा गेल। हिनका किछु अनबाक लेल नै कहलियैन कि एकटा आफद मोल ल लेलौं

तखने राजेशक प्रवेश
राजेश:- (दारूक निशामे बड़ाइत) हे यै पाहीवाली, कतए छी यै, एम्हर आउ ने यै पाहीवाली।
कमला:- (खूम खिसियाएल भावमे) लगैत अछि जेना पूरा अन्धरा बजारे खरीदने आबि रहल छथि। त द्वारे अन्हराएल छथि।
राजेशः- हे यै पाहीवाली,हाँ जुनी खिसियाउ एकबेर हमर गप सुनू ने।
कमलाः- हम की खाक सुनूहाँकेहमर कोनो फिकिरे नै रहैए।
राजेशः- (निशामे मातल गबैत अछि)  भिजल ठोर अहाँक।
कमलाः- हे दैब रौ दैब,हाँक एहेन अवस्था देखि त हमर ठोर मुह सुखा गेल आ अहाँ कहै छी जे भिजल अछि।
राजेशः-हाँ फुसियाहीक खउजा रहल छी, गीत सुनू ने। प्यासल दिल ल..ल हमर।
कमलाः-( खउजा क)  हे भगवान, एतेक पीबलाक बादो अहाँके पियास लगले अछि, हैए लिअ, घैला महक ठंढा पानि।
राजेशः- (हँसैत बड़ाइत अछि) अहूँ कमाले क रहल छी पहिने गीत सुनि लि ने।
राजेशः- कियो हमरा संगे भिनसर तक रहतै तकरा हम करबै खूम प्यार ओ...हो...ओ हो...हो...ओ..हो...हो।
कमलाः- आब कि खाक प्यार करब। आब एक पहर बाद भिसरो भ जेतै।
राजेशः- (गीत गबैत गबैत सुतबाक प्रयास) आ सिटी बजा रहल अछि।
कमला:- हे महादेव, एहेन गबैयाके नींद द दिऔ।
राजेशः- आब हए हम नानी गाम गेलौं, आ अहाँ अपना गामस जलखै नेने आउ।
कमला:- अच्छा आब बुझनूक बच्चा जका चुपेचाप कले-बले सूति रहू ने।
राजेश:- ठीक छै पाहीवाली,अहॉं कहै छी त हम सूति रहै छी, मुदा जलखै बेरमे हमरा उठा देब।
राजेश सूति रहैत अछि।
 दृश्य समाप्त 
              दृश्य- 
चिड़ै चुनमुनक चूं...चूं क ध्वनि
कमला:- (राजेशके उठबैत) हे यै, आब उठि जाउ ने भिसर भ गेलैए।
राजेश:- पाहीवाली, अहॉं ठीके कहै छी की?
कमला:- ठीके नै की झूठ कनेक अपने आँखिसँ देखू, भिसर भऽ गेलै।
राजेशः-यै, ठीकेमे भिसर भऽ गेलैए अच्छा त आब हम मॉर्निंग वॉक माने घूमि-फिरि कऽ अबै छी।
कमला:- अच्छा ठीक छै, जाउ मुदा जल्दीए घूमि लि आएब। ताबैत हम चाह बना क रखने रहै छी।
राजेशः- बेस तआब हम घुमने अबैत छी। ओ. के. बा-बा
राजेशक घरसँ प्रस्थान।
 पार्कमे बातचीत करबाक ध्वनि प्रभाव।

मनोहर:- (दौगि रहल अछि आ हाँफी लैत) भाइ, काल्हि राजेश लंगोटिया देखबामे नै आबि रहल अछि।
मदन:- (खैनी चुनेबाक पटपट)  से तठीकेमे भाइ। ई हमरा तँ बुझना जाइए जे ओ तसासुरमे मंगनीक तरूआ तोड़ि रहल अछि।
मनोहर:- से जे करैत हुए मुदा भेंट तकरबाक चाही
मदन:- (हरबड़ाइत)  ए.... ई लिअ, नाम लैत देरी राजेश सेहो आबिए गेल।
दौगल अबैत राजेशक प्रवेश।
मनोहर:- (राजेशके देखैत) ओ-हो हमर दोस, की हाल चाल छौ।
राजेशः- हम तठीके छी भाइ, तू अपन कह, की समाचार।
मदन:- राम राम, यौ लंगोटिया भा
राजेशः- (हसैत) आहा हा हा, राम राम यौ चिकनौटिया भा
मदन:- राजेशक हाल त हमरासँ पूछू बेचारा चिन्तासनठी जकॉं सुखा गेल।
राजेश:- की भेलैए एकरा से कहब ने, कोनो दुख तकलीफ आफद विपैत।
मदन:- (राजेशसँ) हमरासँ नीक जे राजेश भा  अपने कहिए दहक, तखन हो बकलेल छौड़ा बूझिए जेतै।
मनोहर:- (उदास भऽ क) भाइ, की कहियौ, जहियासँ ठाढ़ीवाली रूसि क अपना नैहर चलि गेलैए, हमरा त एक्को कनमा निक्के नै लगैत अछि।
राजेश:- किए, तू भौजीके मनेलही नै?
मनोहर:- रौ भाइ, कतबो मनेलिमुदा ओ नै मानलकै।

राजेशः- से किए? एहेन की भऽ गेलैए जे भौजी मुफुलौने ठाढ़ी चलि गेलौ।
मनोहरः- हमरा दारू पीबाक हिसक छल, द्वारे हमर ठाढ़ीवाली सपत देलक मुदा हमर हिसक छूटल नै
राजेशः- (किछु सोचैत) हमरो पाहीवाली हमरास रूसल रहैत अछि किएक त ओकर फरमाश जे पूरा नै केलि
मदनः- (खैनी चुनेबाक पटपट अवाज) हें हें, हा हा, हम त कहै छी, दुनू गोटे अपना-अपना कनियाँके मना लिअ आ झगड़े खतम।
मनोहरः-हाँ ठीके कहलौं मदन भा। आब हम अपना ठाढ़ीवालीके मनाएब।
मदन:- हर हर महादेव,झटसनिकालू हमर सवा रूपैया दक्षिणा।
मनोहरः- ओकरा सामने सपत खाएब जे आब हम दारूके मुनै लगाएब।
राजेशः- देरी किए? चल ने, ठाढ़ीवाली भउजीके मनेबाक लेल अंधरा-ठाढ़ी चलै छी।
मनोहरः- ठीके रौ भाइ, चल। मुदा जाइस पहिने तू अपना पाहीवालीके फोन कऽ दही ने।
राजेश:- तू ठीके कहि रहल छें, हम एखने फोन लगबै छी।
मोबाइलसफोन लगेबाक ध्वनि प्रभाव
स्वर:- महिलाक अवा हेल्लो ।
राजेश:- हम आ घर नै आएब। किए तहम मनोहर संगे ओकर सासुर जा रहल छी।
स्वरः- अहॉंके एक्को राति हमर फरमाश मोन नै रहैए।
राजेशः- पाहीवाली,हाँ जुनि रूसी, हम अहाँ लेल किछु ने किछु नेने आएब।
स्वर:- ठीक छै त जाउ, मुदा जल्दीए चलि आएब। बा-बा
राजेशः- बेस, बा-बा
फोन कटबाक ध्वनि
राजेशः- पाहीवाली त मानि गेलैए, चल आब ठाढ़ीवालीके मनबैत छी।
मनोहरः- हाँफैत हॅं हँ, किए नै? जल्दी दौगल चल।
मदनः- भाइ, हमर द द दक्षिणा।
सैत हसैत मनोहर आ राजेशक प्रस्थान।
मदन:- (हसि क) ई दूनू गोटे त सासुर चलि गेल, आब हमहू जाइ छी बाबूबरही, अपना पंडिताइनक भेट कबी, हें हें हें।
       
             दृश्य-
लड़कीक जोरससबाक अवा
(नीलू आ सोनी दूनू गोटे गीत गाबि हसी मजाक करैमे लागल अछि)
नीलूः- गीत गबैत आबि जाउ, एके बेर आबि जाउ।
सोनीः- केकरा बजा रहल छीही गे, आ आ आबि जाउ।
नीलू-( मुस्की मारैत) केकरो नै, तोरा ओझाके
सोनी:-(गीत गबैत) तहीं ने, सोहा आबि जाउ, एक बेर आबि जाउ।
ताबे मनोहर आ राजेशक प्रवेश।
नीलूः- दुनू गोटेके देखि कऽ दुल्हा बाबू, आबि जाउ, एक बेर आबि जाउ।
मनोहर:-हाँ बजेलौं आ हम हाजिर। कहू समाचार।
सोनीः- ठीके मे गै बहिना, देखही गे, एहेन धरफड़िया दुल्हा देखल नै
नीलूः- प्रणाम यौ पाहुन। रस्ता मे कोनो दिक्कस त नै भेल ने?
मनोहरः- दिक्कस कि खरंजा आ टुटलाहा पिच पर साइकिल चलबैत काल हार पाजर एक भऽ गेल।
सोनी:- आब मजा आबि रहल अछि।
राजेशः- मजा तआबि रहल अछि मुदा हमरा भौजीसभेट करा दितौं ठीक्के मे मजा आबि जतए।
नीलू:- अहॉंकेँ नै चिन्हलौं यौ हरबड़िया पाहुन।
राजेशः- सि क हा हा हा, हमरा नै चिन्हलौं, हम अहाँक पाहुनक लंगोटिया दोस राजेश छी।
(सभ गोटे ठहक्का लगबैत)
सोनीः- अहॉं कतेक नीक बजैत छी। चलू ने घुमए लेल।
नीलूः- यौ पाहुन, चलू चलू गाछी कलम आ खेत पथार सभ देखने अबैत छी।
राजेशः-ँ हँ, किए नै, चलू ने तीनू गोटे घुमने अबै छी।
ठहक्का लगबैत तीनू गोटेक प्रस्थान।
मनोहर:- वाह रे किस्मत। सासुर हमर मुदा मान-दान एक्कर। हा रे किस्मतक खेल।
तखन गीत गबैत विमलाक प्रवेश।

(गीतक ध्वनि- पिया परदेशस पजेब नेने ब यौ पिया)
विमलाः- आश्चर्य भावस अ अ अहॉं।
मनोहरः- हँ,हाँ बजेलौं आ हम हाजिर छी। कहू कुशल समाचार।
विमलाः- (रूसि क बजैत) अहॉं के बजेलक के? जाउ हम अहाँँ नै बाजब।
मनोहरः- अहूॅं त कमाले करैत छी। देखू तँ, हम अहाँक लेल की सभ अनने छी।
विमलाः- (आश्चर्य भावस) क क की अनने छी हमरा लेल??
मनोहरः- (प्यारस) ट...ट...ट टॉफी।
विमला:-हाँकेँ टॉफी छोड़ि आरो किछु बजारमे नै भेटल की?
मनोहरः- जिलेबी सिंहारा तकिनने छलौं अहींक लेल मुदा रस्तेमे भूख लागि गेल त अपने खा लेलौं
विमलाः- (उदास भऽ क) अहॉंके एक्को राति हमर चिन्ते नै रहैए।
मनोहरः- चिंता रहैए, द्वारे तआब हम दारू पिअब छोड़ि देलौं
विमलाः- (अकचका क) ठीके मे?
मनोहरः-ँ, हम सपत खेने छी कि आब हम दारू कहियो ने पिअब।
विमलाः- ई त बड्ड नीक गप। आब हम किछु फरमाश करी त?
मनोहरः- (हसैत) अहॉं फरमाश त करू, हम पूरा अंधरा बजारे घर उठौने चलि आएब।
तखने नीलू, सोनी आ राजेशक प्रवेश।
नीलू:- दीदी-दीदी चल ने, पाहुन संगे बजार घुमने अबै छी।
मनोहरः- हँ, चलू-चलू देरी जाएत आइ, अहॉं सभके अंधरा बजार घुमा दै छी।       
ठहक्का लगबैत सहक प्रस्थान।
                      
दृश्य-
बजारक दृश्य, बिक्रेता सभक विभिन्न अवा
बिक्रेताः- घड़ी लऽ लिअ, रेडियो लऽ लिअ।
बिक्रेता:- (डुडुगी बजबैत) हे धिया-पुता लेल डुडुगी ल लिअ, डूग-डूग।
राजेशः- भाइ, हमरा एकटा रेडियो किनबाक रहै।
बिक्रेताः-ए लिअ ने, ऐठाम भेटत कम दाममे नीक रेडियो।
मनोहरः- लगैए तोहर दिमाग कतौ हरा गेलौ। घरमे टी.वी. छौ तइओ?
राजेशः- (अफसोस करैत) तोरा केना कहियौ कि..
विमलाः- कहू तँ, सी.डी., टी.वी.क युगमे कहू तकियो आब रेडियो किनतै?
राजेशः- (हसि क) हमरा पाही वाली के पसीन छै द्वारे तँ कीनि रहल छि
मनोहर:- तखन त एखने खरीद ले।
राजेशः- हे भाइ, एकटा बढ़िया क्वालिटीक रेडियो दिह
बिक्रेताः- ई लिअ भा साहेब।
राजेश:- ह, ई लिअ पा
पा देबाक ध्वनि प्रभाव।
मनोहर:- तचल, आब चलैत छी अपना गाम तोरा पाहीवालीके मनेबाक लेल।
नीलूः- यौ पाहुन, आ हम सभ?
राजेश:- अहूँ सभ चलू ने, हमर गाम घर देखि क आपिस चलि आएब।
सोनीः- नै यौ पाहुन, पहिने हमरा सभके घर तक छोड़ि दिअ। फेर कहियो अहाँक गाम मेला देखै लेल हम दुनू बहिन आएब।
मनोहरः- ठीक छै त चलू,हाँ सभके गामपर द अबै छी, तकरा बाद हम सभ अपना गाम चल जाएब।
विमला:- ई भेल ने बुझनुक मनुक्खला गप।
ठहक्का लगबैत सहक प्रस्थान।

 दृश्य-
भनसा घरक दृश्य। कमला गीत गुनगुना रहल अछि। तखने राजेश, मनोहर विमलाक प्रवेश।
राजेश:- सुनू ने, सुनू ने, सुनि लिअ नेहमर पाहीवाली सुनू ..ने।
कमला:- हमरा अहाँक कोनो गप नै सुनबाक अछि।
राजेशः- हे यै, जुनि रूसू, सुनू ने.....सुनू ने।
कमला:- कहलौं ँ, नै सुनैत छि
राजेशः- अहींके सुनेबाक लेल त बजारसअनलौं। देख त लिअ।
कमला:- (खिसिया क)  हम कि कोनो अहॉं काहीर छी??
राजेश:- (अफसोस करैत) पाहीवालीके हम केना बुझेबै जे कोनो फरमाश केने रहै।
विमला आओर मनोहर एक दोसरस कनफुसकी कऽ गप करैत।
मनोहर- (विमलासँ) लगैए कमलाके किछु बुझेबाक चाही
विमला- कमला बहिन एतेक खिसियाएल किए छी? हमरा तहि सकै छी।
कमला- हिनका की कहियनि बहिन। पहिल सालगीरहक दिन हिनकास किछु फरमाश केने रहियनि मुदा हिनका तकोनो धियाने नै रहैत छनि?
विमला- कहू तँ, एतबाक लेल एहेन खिसियाएब? पहिने देखियौ त सही, ओ अहा लेल कथी अनने छथि।
कमला- कथी, हे ने अंधरा बजारक मेथी।
विमला- नै यै बहिन,हाँ एक बेर देखियौ त सही।
कमला- (आश्चर्य भावस) हे भगवान ठीके मे!
कमला- राजेशस हमरा लेल कथी अनने छी से देखाउ ने।
राजेश- हे भगवान आहाँ बचा लेलौं नै तँ...तफेरस
कमला- की भेल अहाँ के?
राजेश- (हरबड़ाइत बजैत अछि) अहाँ बैग खोलि क देखू ने, हम कथी नेने एलौं हाँ लेल स्पेशलमे।
बैग खोलबाक ध्वनि प्रभाव।
कमला- (हसि क) र...र....रेडियो। आब त हम मजासकांतिपुर एफ.एम., जनकपुर एफ.एम., दरभंगा, विविध भारती रेडियो सुनैत रहब।
राजेश-हाँक मोन जे सुनबाक अछि से सुनैत रहू मुदा आब मानि जाउ ने।
कमला- (रूसि क) रेडियो त अनलौं मुदा झुमका किए नै अनलौं?
मनोहर- हे भगवान, फेरस एकटा नबका मुसीबत, तूहीं बचबिह
राजेश- हे यै पाहीवाली, हम अहॉं लेल बरेलीला झुमका सेहो अनने छी। आब मानि जाउ ने।
सभ गोटे ठहक्का लगबैत। हसबाक ध्वनि प्रभाव।
मनोहर- वाह-भाइ, मानि गेलौं। रूसल कनियॉंके मनाएब तकियो राजेशससीखए।
सभ गोटे एक संगे ठहक्का लगबैत हा...हा...।

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